Sunday, November 24, 2019

सच क्या है?

सच क्या है ?

अगर आप सच देखना चाहते हैं, अपनी राय बिलकुल मत रखिये, ना सहमति और  ना  ही असहमति में !

बस आप तो एक काम करें कि पूर्ण निर्विकार भाव से  सभी  घटनाओं को घटित होते हुए,
बिलकुल ऐसे देखें जैसे कोई चलचित्र चल रहा हो, और आप सिर्फ एक दर्शक हैं।

कुछ समय पश्चात सत्य स्वयं उजागर हो जाएगा।

इसके विपरीत यदि आप स्वयं घटनाओँ के प्रतिभागी बनकर उन पर अपना स्पष्ट मत व्यक्त करेंगे,
अपनी सहमति अथवा असहमति को दर्ज करायेंगे,
तो स्वयं आपकी दृष्टि में घटनाओं का रूप बदलने लग जाएगा।

आपके विचार,आपकी भावनायें आप की सोच को पूर्ण प्रभावित करने लगेंगी।

फिर आप को वही सत्य प्रतीत होगा, जो स्वयं आप की अपनी राय एवं दृष्टिकोण में सत्य होगा,
चाहे वह सत्यता से कोसों दूर ही क्यों ना हो।
आपकी अपनी आंखों पर जैसे ही आपके विचारों, मत एवं सोच के रंग का चश्मा चढ़ेगा, सत्य का रूप भी आपके चश्मे के रंग के अनुसार स्वयं अपना रंग बदलने लगेगा।
अंततः वो सत्य नही रह पाएगा,
बल्कि आपकी अपनी सहमति के अनुसार स्वयं आपका विचार एवं मत होगा, जिसको आप पूर्ण सत्य मानकर दूसरों पर थोपना चाहेंगे।

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