What you really Want (Aap Chahte kya hai?)
Wednesday, September 30, 2020
Wednesday, July 29, 2020
Friday, December 27, 2019
Peace and Happiness
There was a huge crowd at the entrance of a palace.
A monk asked for alms to the king.
The king said to him, whatever you want I will fulfill any wish, since you are the first person/(yachak) priest of the day and I have a rule to fulfill any wish for the first person every morning.
The monk Moved his small alms ahead and said, "Just fill it with gold."
The king thought what could be more simple than this, but when the gold coins were put in that alms, it was found that it was impossible to fill it, it was magical, the more currency was put in it, the more empty it became, seeing the king sad.
Than the monk said to the king, let me know if you can't fill, I will leave with the empty vessel only.
At most it will happen that people will say that the king could not fulfill his promise.
The king emptied all his treasure, everything he had was put in that container, but surprisingly that was not filled, again the king tried but it did not filled, then
The king asked the monk, your container is not ordinary, filling it is out of my power.
I may ask what is the secret of this wonderful container ..?
That monk started laughing and said no special secret king, this container is made from the heart of man,
do you know that the heart of man can never be filled ..?
From wealth to knowledge, to fill it with anything, it will remain empty, because it has not been made to fill with these things.
We are trying to fill it with many things, but because of not knowing this truth, the more we gets, the poorer we become, the heart desires more and more, even than it is not calm, why ..?
Because the heart is made to get the divine and the divine resides in the truth,
so do you want peace?
do you Want satisfaction?
So make a resolution that I want nothing but God and Truth ……
This will give you complete peace and happiness.
Sunday, November 24, 2019
सच क्या है?
सच क्या है?: सच क्या है ? अगर आप सच देखना चाहते हैं, अपनी राय बिलकुल मत रखिये, ना सहमति और ना ही असहमति में ! बस आप तो एक काम करें कि पूर्ण निर्वि...
सच क्या है?
सच क्या है ?
अगर आप सच देखना चाहते हैं, अपनी राय बिलकुल मत रखिये, ना सहमति और ना ही असहमति में !
बस आप तो एक काम करें कि पूर्ण निर्विकार भाव से सभी घटनाओं को घटित होते हुए,
बिलकुल ऐसे देखें जैसे कोई चलचित्र चल रहा हो, और आप सिर्फ एक दर्शक हैं।
कुछ समय पश्चात सत्य स्वयं उजागर हो जाएगा।
इसके विपरीत यदि आप स्वयं घटनाओँ के प्रतिभागी बनकर उन पर अपना स्पष्ट मत व्यक्त करेंगे,
अपनी सहमति अथवा असहमति को दर्ज करायेंगे,
तो स्वयं आपकी दृष्टि में घटनाओं का रूप बदलने लग जाएगा।
आपके विचार,आपकी भावनायें आप की सोच को पूर्ण प्रभावित करने लगेंगी।
फिर आप को वही सत्य प्रतीत होगा, जो स्वयं आप की अपनी राय एवं दृष्टिकोण में सत्य होगा,
चाहे वह सत्यता से कोसों दूर ही क्यों ना हो।
आपकी अपनी आंखों पर जैसे ही आपके विचारों, मत एवं सोच के रंग का चश्मा चढ़ेगा, सत्य का रूप भी आपके चश्मे के रंग के अनुसार स्वयं अपना रंग बदलने लगेगा।
अंततः वो सत्य नही रह पाएगा,
बल्कि आपकी अपनी सहमति के अनुसार स्वयं आपका विचार एवं मत होगा, जिसको आप पूर्ण सत्य मानकर दूसरों पर थोपना चाहेंगे।
अगर आप सच देखना चाहते हैं, अपनी राय बिलकुल मत रखिये, ना सहमति और ना ही असहमति में !
बस आप तो एक काम करें कि पूर्ण निर्विकार भाव से सभी घटनाओं को घटित होते हुए,
बिलकुल ऐसे देखें जैसे कोई चलचित्र चल रहा हो, और आप सिर्फ एक दर्शक हैं।
कुछ समय पश्चात सत्य स्वयं उजागर हो जाएगा।
इसके विपरीत यदि आप स्वयं घटनाओँ के प्रतिभागी बनकर उन पर अपना स्पष्ट मत व्यक्त करेंगे,
अपनी सहमति अथवा असहमति को दर्ज करायेंगे,
तो स्वयं आपकी दृष्टि में घटनाओं का रूप बदलने लग जाएगा।
आपके विचार,आपकी भावनायें आप की सोच को पूर्ण प्रभावित करने लगेंगी।
फिर आप को वही सत्य प्रतीत होगा, जो स्वयं आप की अपनी राय एवं दृष्टिकोण में सत्य होगा,
चाहे वह सत्यता से कोसों दूर ही क्यों ना हो।
आपकी अपनी आंखों पर जैसे ही आपके विचारों, मत एवं सोच के रंग का चश्मा चढ़ेगा, सत्य का रूप भी आपके चश्मे के रंग के अनुसार स्वयं अपना रंग बदलने लगेगा।
अंततः वो सत्य नही रह पाएगा,
बल्कि आपकी अपनी सहमति के अनुसार स्वयं आपका विचार एवं मत होगा, जिसको आप पूर्ण सत्य मानकर दूसरों पर थोपना चाहेंगे।
Tuesday, November 5, 2019
AAP CHAHTE KYA HAI: जीवन का आनंद
AAP CHAHTE KYA HAI: जीवन का आनंद: जीवन का आनंद एक फकीर एक वृक्ष के नीचे ध्यान करते थे । वो रोज एक लकड़हारे को लकड़ी काट कर ले जाते देखते थे। एक दिन उन्होंने लकड़हारे से कहा ...
AAP CHAHTE KYA HAI: Railway ticket cancellation and refund policy
AAP CHAHTE KYA HAI: Railway ticket cancellation and refund policy: Hi Friends, Here is a graphical presentation given by IRCTC about the cancellation and refund policy of train tickets. Please read it c...
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